शुक्रवार, मार्च 22, 2013

मंत्री जी आप सरकार नहीं हो क्या?

-सरकार छोड़ विपक्ष के साथ दिखे रोहाणी

भोपाल। मंत्रीजी, आप सरकार नहीं हो क्या? बजाय विधायक के सवाल का जवाब देने के, सुझाव देते जा रहे हो, आप निश्चित रूप से बताएं कि समस्या का समाधान कब तक कर लिया जाएगा। विधानसभा में विधायक द्वारा पूंछे गए सवाल पर वन मंत्री सरताज सिंह द्वारा दिए गए टाल-मटोल जबाव यह रवैया है आसंदी का। त्रयोदश विधानसभा के बजट सत्र में कई ऐसे अवसर दिखाई दिए जब अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी न केवल विपक्षी सदस्यों के साथ खड़े दिखाई दिए बल्कि सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
  यदि इस घटनाक्रम को नजरअंदाज भी किया जाए तो प्रजातंत्र के मंदिर में जनता के मुद्दों पर जबावदारी से बच रही सरकार और उसके मंत्रियों के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी सख्त टिप्पणी करने से बाज नहीं आए। फिर चाहे विधायकों के पत्रों का जवाब नहीं देने के मामले पर सामान्य प्रशासन मंत्री कन्हैयालाल अग्रवाल को निर्देश देते हुए यह कहना है कि वह यह सुनिश्चित करें कि किसी भी जनप्रतिनिधि के पत्र का जवाब 15 दिन में हर हाल में दिया जाए। यह फिर वन विभाग द्वारा आदिवासियों की जमीन के विवादित अधिग्रहण को लेकर सरकार को निर्देशित करने के साथ फटकार लगाने का मामला। कांग्रेस विधायक नारायण सिंह प्रजापति के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों बाबूलाल गौर, कैलाश विजयवर्गीय, विजय शाह, नरोत्तम मिश्रा और जयंत मलैया को भी नसीहत देनेे से नहीं चूके। इन मंत्रियों द्वारा सरकार का बचाव करने पर यह कहते हुए उन्होंने आक्रोश जताया कि अफसर आपका है, कार्रवाई करें या न करें, आप की मर्जी, अधिकारी को बचाना ही था तो विस में दो पन्ने का उत्तर पढऩे की क्या जरूरत थी। मंत्री जनता और अफसर दोनों के हैं, पर निर्णय के आड़ में जनता को तंग करने का अधिकार अफसरों को न दें। नियमों की दुहाई देकर आप अफसरों को क्यों बचा रहे हो।
कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह द्वारा सदन में 2008 और 2010 में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए संकल्पों से जुड़े सवाल पर भी विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने सरकार के मंत्री की जबावदेही तय की। महिला एवं बाल विकास मंत्री रंजना बघेल जवाब नहीं दे सकीं तो आसंदी का यह निर्देश कि आसंदी का यह कहना कि मंत्री जी आज तैयारी कर नहीं आई हैं यह जानकारी अगले सदन के अगले दिन मुहैया करा देंगी। दरसल महिला एवं बाल विकास मंत्री रंजना बघेल उक्त सवाल के जबाव में बार-बार यही कहती रहीं कि उन्होंने संशोधित जवाब दे दिया है, लेकिन यह बताने में आखिरी तक असफल रहीं कि कितने संकल्प उनके विभाग ने पूरे किए हैं।

 आपका वक्तव्य ध्यान में दिला रहा हूं....
 जरुरतमंदों को गरीबी रेखा राशन कार्ड दिए जाने के मसले पर कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा द्वारा पूंछे गए सवाल पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव के जबाव से अंतुष्ट विधायक की भावनाओं के मद्देनजर विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने श्री भार्गव द्वारा के पुराने और सदन में दिए गए वक्तव्य पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा कार्ड बनाने का काम निरंतर चलने वाली निरंतर प्रक्रिया है। इसलिए आपका वक्तव्य प्रामाणिक नहीं है कि सबके बन गए हैं। इसे निरंतर चलते रहने देना चाहिए।

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